Suspend: दो तीन दिन से एक वीडियो वायरल हो रहा था। जिसमे देवरिया जिले के मुख्या चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय के बाबू रिश्वत मांगता हुआ दिख रहा था। यूपी में योगी सरकार ने भ्रष्टाचार व अनियमितता के खिलाफ जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई कर रही है। इसी क्रम में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने देवरिया में सीएमओ कार्यालय में तैनात बाबू (क्लर्क) को सस्पेंड कर दिया है। इसके साथ ही जांच का आदेश भी दिया है। आपको बतादें कि कुछ दिनों से स्वास्थ विभाग के एक कर्मचारी का रिश्वत मांगने का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. जिसपर स्वास्थ्य मंत्री ने कार्रवाई किया है।
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क्या कहना है जिलाधिकारी का?
इस मामले में देवरिया जिले के जिला अधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग का यह वीडियो दो-तीन दिनों से वायरल हो रहा है। जिसमें सीएमो कार्यालय के प्रशासनिक अधिकारी गिरजेश मणि त्रिपाठी नजर आ रहा है, जो बहुत ही निर्लज्जता से पैसा की मांग कर रहा है। इस मामले को संज्ञान में लेते हुए हमने स्वास्थ्य विभाग के निदेशक से बात की थी और पिछली रात में इनको निलंबित कर दिया गया है. उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक के संज्ञान लेने के मामले पर कहा कि शासन की जीरो टॉलरेंस की नीति है जिसके तहत कार्रवाई की जा रही है।
क्या कहना है मुख्या चिकित्सा अधिकारी का ?
इसी मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी से उनके बाबू द्वारा रिश्वत मांगने वाले वीडियो सम्बंध में पत्रकार गोविन्द मौर्य ने जानकारी लेने के मुख्य चिकित्सा अधिकारी से बात कि, गोविन्द मौर्या ने पूछा की इस वायरल वीडियो में दिख रहे बाबू वर्तमान समय मे आपके कार्यालय में नियुक्त हैं या नहीं, तो मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि इसकी जानकारी हमे नहीं है 2 दिन छुट्टी होने की वजह से कार्यालय बन्द है, कार्यालय खुलने पर पता करवाऊंगा की ये हमारे कार्यालय में नियुक्त हैं या नहीं।
अब सवाल ये उठता है कि क्या ये सम्भव है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी को ये पता ही न हो कि उनके कार्यालय में बाबू कौन है, या अधिकारी उसे बचाने की कोशिश में लगे थे।
सूत्रों द्वारा ये भी खबर मिली है कि अस्पताल में तैनात डॉक्टर या अन्य स्टाफ की भी कोई फाइल अगर इन बाबू के पास जाती थी तो बकायदा तय सुदा रेटलिस्ट के अनुसार रिश्वत लिए बीना ये फाइल आगे नही बढ़ाते थे।